Friday, November 9, 2012

कौन जिम्मेदार



क्यों इतना हल्का
हो गया है रुपया
भारी हो गये
उन बहुत सारे 
लोगों के दुख :
जो गरीबी रेखा 
से नीचे हैं
रुपया, जैसे
दही हाँडी के
उस उत्सव की
तरह हो गया
जिसे गोविन्दा की
टोली में एक
साहसी लड़का
तोड़ पाता है
और गरीब की
कारगुजारी में वो
दम नहीं होता है
अमीर और गरीब
के बीच की
दूरी भी कुछ
इतनी ही
हो गयी है
ऊपर लटकी
दही हाँडी
और बहुत नीचे
खड़ा गरीब आदमी
और इस दूरी के
बीच में बढ़ती
आक्रोश आवश्यकताओं
भूख और लाचारी
की आग / गर्मी
और एक सस्पेंस 

आगे क्या होगा
कौन होगा जिम्मेदार !

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (11-11-2012) के चर्चा मंच-1060 (मुहब्बत का सूरज) पर भी होगी!
    सूचनार्थ...!

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  2. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति
    मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ

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